कृष्णा जन्मास्टमी 2019 जिसे जन्मास्टमी भी कहा जाता है। और कोकुललास्टमी एक वार्षिक हिन्दू त्यौहार है , जो भगवान विष्णो के आठवे अवतार के रूप में माना जाता है , उन्हें याद करने और उनके जन्म के जश्न मनाने के लिए विभिन स्थानो में जलूस ,भजन कीर्तन और सत्सग की बैठक आयोजित की जाती है। प्रमुख कृष्ण मंदिर पवित्र पुस्तकों भागवत पुराणों और भगवत गीता के पाठ के आयोजन किया जाता है। इस वर्ष कृष्ण जन्मास्टमी तिथि को लेकर भर्म की इस्थिति बनी है। जबकि कुछ का कहना है इस बार कृष्णा जन्मास्टमी 24 अगस्त को मनाया जायेगा।
Happy Krishna Janmashtami Shayari Sms Wishes Quotes Images|श्री कृष्णा जन्माष्टमी शायरी फोटो
मिश्री से मीठा नन्द लाल के बोल है, इनकी बातें हैं सबसे अनमोल,
जन्माष्टमी के इस पावक स्थल पर दिल खोल के जय श्री कृष्ण बोल। ।।राधे राधे।।
मुरली मनोहर ब्रिज की ध्रोहर, वो नन्दलाल गोपाल आने वाला है,
बंसी की धुन पर सब दुःख हरने वाला मुरली मनोहर आने वाला है।
तू चाहे कुछ भी कर दे बिष को भी अमृत बना दे,
पूरण कर दे उसकी आसा जो भी तेरा ध्यान धरे, ।।जय श्री कृष्ण ।।
जन्माष्टमी के इस अवसर पर, हम ये कामना करते हैं की
श्री कृष्ण की कृपा आप पर और आपके परिवार पर हमेसा बने रहे।
बाल रूप है सबको भाता माखन चोर वो कहलाया है,
आला आला गोबिंद आला बाल ग्वालो ने सोर मचाया है,
झूम उठे है सब खुसी में देखो मुरली वाला आया है।
प्यार दो आत्माओ का मिलान होता हे, ठीक वैसे ही जैसे,
प्यार में कृष्ण का नाम राधा और राधा का नाम कृष्ण होता है।
राधा की भक्ति मुरली मिठास, माखन का स्वाद और गोपियों का रास,
तब मिलके बनता है, जन्माष्टमी का दिन खास।।। हैप्पी जन्मास्टमी।।।
माखन चुराकर जिसने खाया ग्वालो को भी खिलाया, वैसी जाकर जिसने नचाया,
खुसी मनवो उनके जन्म दिन की जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया।
।। हैप्पी जन्माष्टमी ।।
नटखट आये द्वार लेकर अपनी वासुरी साथ,
मोर मुकुट सर पर सोये और आखो में में काजल की धार।
मुबारख हो आपको जन्मष्टमी की सुभ त्यौहार।
पलके झुके और नमन हो जाय मस्तक झुके और वंदन हो जाये,
ऐसा नजर कहा से लाऊ में कन्हया आपकी याद करो आपके दरसन हो जाये।
नन्द के घर आनंद भयो जो नन्द के घर गोपाल आयो,
जय हो मुरली धन गोपाल की जय हो कन्हया लाल की।
आवो मिलकर सजाये नन्दलाल को आवो मिलकर उनका गुड़गान ,
जो सब को राह दिखाते है, आवो सबकी बिगड़ी बनाते है।
चन्दन खुशबु को रेसम की हार सावन की सुगंद और बारिश की फुंकार,
राधा की उम्मीद को कन्हैया का प्यार मुबारख हो आपको जन्मास्टमी का त्यौहार।
कृष्ण तेरी गलियों का जो आनद हे, वो दुनिया के किसी कोने में नहीं।
जो गजा तेरी वृद्धावन की राज में हे , और ,मेने पाया किसी बिचौनी में नहीं।
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैया, जमुना के तट पर बिराजे है,
मोर मुकुट पर कानो में कुंडल कर मुरलिया साजे है।
माखन चोर आवो यशोमति माता का नन्दलाल धरती पर भगवन का अवतार है,
आवो हरने खास जो पापी को करने कल्याण धरती माँ का सेसनाग की छटा में
आवो बनकर कन्हा माखन चोर है।
माखन चुराकर जिसने खाया, वंसी बजाकर जिसने नचाया,
खुसी मनवो उनके जन्म दिन की, जिन्होंने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया,
छोड़ा सबका दामन हठयोग में तुम्हारा, मेरी सासे उखड़ रही बियोग में तुम्हारे,
लोट आवो मोहन किस बात पर अड़े है, मूर्त बनकर मंदिर में क्यों खड़े है,
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैया, जमुना के तट पर बिराजे है,
मोर मुकुट पर कानो में कुंडल, कर में मुरली सजे है।
लोगो की रक्छा करने एक अंगुली पर उठाया, उसी कन्हैया का याद दिलाया,
जन्मास्टमी का पवन दिन आया।
तेरा मेरा रिस्ता इतना खास हो जाये, की तू दूर रहके भी मेरे पास हो जाये,
मन से मन का तार जुड़े कुछ इस तरह, की दर्द हमे हो और अहसास तुम हो जाये।
हर साम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती, हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती,
कुछ तो असर होता दो आत्म्वो के मेल को, वरना गोरी राधा सावले कृष्ण की जोड़ी नहीं होती।
माखन चोर नन्द किशोर, बांदी जिसने प्रीत की डोर,
हरे कृष्ण हरे मुलारी, पूजती जिन्हे दुनिया सारी,
आवो उनके गुड़ गाये, सब मिलकर जन्मास्टमी मनाये।
चढ़ा हुवा कल सूरज कितने और जलाओगे, धरती की रक्छा की खातिर है,
कृष्ण तुम कब आवोगे, बुझा दिए अरमा लाखो हे कितने और बुझावोगे
फसे हुवे इस कब तुम में बचाओगे।