Happy Independence Day shayari, Shayari Images,Massages,Wishes in hindi
हमारा देश १५ अगस्त १९४७ को आजाद हुवा था, और तब से हम हर साल १५ अगस्त को बड़े धूम धाम से मनाते हैं। इस दिन हर स्कूलों मैं जसन मनाया जाता हैं , आजादी से पहले हमारा देश ब्रिटिश शासक का गुलाम था , तो इस दिन हमारे देश को ब्रिटिश शासक से आजादी मिली थी। और १५ अगस्त १९४७ के पूर्व संध्या को भारत का पहला तिरंगा झंडा (केसरिया, सफ़ेद और हरे) रंग का पहला तिरंगा झंडा हमारे प्रथम प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने फहराया था। बस उसी दिन से हमारे देश मैं हर साल यह दिन बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। और हर भारतीय एक दूसरे को बधाई देते हैं , एक दूसरे प्रसन्ता पूर्वक गले मिलते हैं ,कई जगह पर लोग मिठाई बांटते हैं ,इसी तरह से हर कोई खुसी मनाता हैं। कई जगहों पर रोड शो किआ जाता हैं , और कई लोग आतिशबाजी करते हैं , कई जगहों पर आतिश बजी किया जाता हैं ,स्कूलो मैं भी परेड , संस्कृत कार्यक्रम और शो किया जाता हैं। और इस दिन को संगीत के साथ सार्वजनिक दिवश के साथ मनाया जाता हैं।
नशा तिरंगे की आन हे, और कुछ नशा मातृभूमि की सान हैं।
भी हो हम हमेशा युही आगे बढ़ते रहेंगे, जब तक हम मैं जान है,
हम लहरायेंगे हर जगह पे इस तिरंगे को, नशा ये हिंदुस्तान की सान है।
वतन हमारा ऐसा की कोई छोड़ पाए न ,रिस्ता हमारा ऐसा की कोई तोड़ पाए न ,
दिल हमारा एक हे, एक हमारे जान हे, हिंदुस्तान हमारा हे, और हम सब इसकी सान है।
हर वक़्त हमारा यही चाह होता है ,दिल हमारा इस पे न्योछावर रहे यही हमें कुर्वान हैं।
ये बात ह्वावो को बताये रखना ,रोशनी होगा चिरागो को जलाये रखना,
अपने खून से हिफाजत की है जिसकी उस तिरंगें को सदा लहराये रखना।
में भारत बरस का हरदम अमित समान करता हु , यह की चांदनी मिट्टी का गुड़गान करता हु ,
मुझे चिंता नहीं हे स्वर्ग जाकर मोक्छ पाने की, तिरंगा हो कफन मेरा बस यही अरमान करता हु।
कहते हे अलविदा हम इस जवान को , जा कर खुदा के घर से अब आया न जायेगा ,
हमने लगाई आग हे जो एकलम्ब के , इस आग को किसी चीज से भी बुझाया न जायेगा।
जान अपनी हथेली पे रखकर वतन के नाम कर दे, अपने आप को स्वतन्त्र कर दे।
हर साल जब भी स्वतंत्रता दिवस आये और हम अपने खून से लिखे कहानी ये वतन मेरे ,
इस आजादी को करे हम कबूल ऐ मेरे साथियों ,करे हँस कर कुरवान जवानी ये वतन मेरे।
मंजिल ख्वाइश नहीं मगर ये इल्तिजा बस है, हमारे हौसले पा जाये जवानी ये वतन मेरे।
हम दे सलामी इस तिरंगे को जिस मैं तेरी सान है।
इसका सर हमेसा ऊँचा रखना जब तक दिल मैं जान है।
आजादी की कभी शाम ना होने देंगे ,इस जीवन मैं इंसानियत की कभी इमान न खोने देंगे।
बची हो एक भी बूंद लहू की जब तक रगो मैं, तब तक भारत मां का आंचल नीलाम न होने देंगे।
खुश नसीब हैं वो जो वतन पर मर मिट जाते है, और मर कर भी वो लोग अमर हो जाते हैं।
करता हूँ मैं उन्हें सलाम ये वतन पर मर मिटने वालो, तुम्हारी हर सांस मैं तिरंगे का नसीब बसता है।
जो अब तक कभी भी न खौला है वो खून नहीं पानी हैं,
जो कभी देश की काम ना आये वो की बेकार की जवानी है।
यह नफरत बुरी है न पालो इसे , दिलो मैं ख्वाइश है निकालो इसे।
न तेरा न मेरा न इसका न उसका, यह पुरे भारत वासियों का देश है बचा लो इसे।
आवो झुक कर करें सलाम उन्हें , जिनके हिशे मैं ये मुकाम आता हैं।
कितने खुश नसीब हैं वो लोग ,जिनका खून वतन मैं काम आता हैं।
आग सीने मैं तूफान निगाहों मैं हो, और ये जवानी सहादत की राहों मैं हो,
पाँव चूमे तुम्हारा गगन साथियों , सबसे प्यारा हो हमको वतन साथियों।
हम अपने खून से लिखे कहानी ये वतन मेरे, करे करवाज हस कर ये जवानी ये वतन मेरे,
दिली ख्वाइस मेरे ये ेत्जा बस, हमारे हौसले जाये मणि ये वतन मेरे।
जमाने भर में मिलते हे आसिक कहि, मगर वतन से खूब सूरत कोई सनम नहीं होता,
नोटों में भी लिपट कर सोने में सिमट कर मरे है, मगर तिरगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता।
मुक्म्बल हे ये इबादत और में वतन ईमान रखता हु, वतन की सां की खातिर हतेली पर जान रखता हु,
क्यों पड़ते हो मेरे आखो में नक्सा पाकिस्तान का, सच्चा दिल में हिंदुस्तान रखता हु।
लिख रहा हु में अंजाम जिसका कल आगाज आएगा, मेरे लहू का हर एक कटरा एकलब्य आएगा,
में रहु या न रहु पर ये वडा हे तुमसे मेरा की, मेरे बाद वतन पर मरने वालो का सलाम आएगा।
में भारत बरस का हरदम समान रखता हु यही चांदनी मिटी का गुड़गान करता हु,
मुझे चिंता नहीं की में सर्ग जाकर मोक्छ पावो पावो, तिरगा हो कफ़न मेरा यही रखता हु।
कहते हे हम अलविदा हम अब इस जहां को जहांन को, खुदा के घर से अब आया न जायेगा,
हमने लगाई आग हे जो इकबाल की इस आग को किसी से बुझाया न जायेगा।
आवो झुक कर सलाम उनको, जिनके हिसे में यह मुकाम आता हे,
खुश नसीब होता हे वो खून खून जो काम आता हे।
जान के नाम कर दे, अपने स्वतंत्र देश के नाम रोशन कर दे,
स्वतंत्र दिवस आये और हमसे पहले, आपको सुभकामनाये भेज दे,
आपको स्वतंत्र दिवस की हार्तिक कामनाये।
चलो फिर से वो नजारा याद करले सहीदो के दिल में थी वो ज्वाला याद करले जिसमे बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पर देशभक्तो के खून की वो धारा याद कर ले।